लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार सुबह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। सपा के एमएलसी और राष्ट्रीय शिया समाज के फाउंडर बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा बीएसपी एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है।
एनआई के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के तीन और बीएसपी के एक एमएलसी ने अपना पद छोड़ दिया है। सपा से अपना पद छोड़ने वालों में बुक्कल नवाब, मधुकर जेटली,यशवंत सिंह शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यशवंत सिंह ने सीएम और मधुकर जेटली ने डिप्टी सीएम के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया है। काफी लंबे वक्त से बगावती तेवर अखतियार किए बुक्कल नवाब ने दिनेश शर्मा के लिए सीट छोड़ी है।बता दें कि सपा के एमएलसी यशवंत सिंह और मधुकर जेटली तो इस्तीफा देने के बाद पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं।
बसपा से इस्तीफा देने के बाद जयवीर सिंह भाजपा में शामिल हुए। मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने जयवीर ने भाजपा ज्वाइन की। बुक्कल नवाब ने इस्तीफे के बाद पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ भी की है। ऐसा माना जा रहा है कि सपा और बसपा के ये दोनों एमएलसी भाजपा में जा सकते हैं। दोनों एमएलसी के इस्तीफे पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा एमएलसी और एमएलए को लालच देकर तोड़ रही है।
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने तीनों के इस्तीफे की पुष्टि की है। यादव ने कहा कि विधान परिषद के तीनों सदस्य अलग-अलग आये थे और इस्तीफा देकर चले गये। नवाब ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनका सपा में दम घुट रहा था। सपा पार्टी न रहकर अब अखाड़ा बन गयी है। उन्होंने बाप-बेटे (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव) को मिलाने की काफी कोशिश की, लेकिन दोनो एक- दूसरे से सुलह करने को तैयार ही नहीं हैं। कार्यकर्ता वहां घुटन महसूस कर रहे हैं।
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को सुबह ही सौंपे इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि सपा में अब उनकी रहने की इच्छा नहीं है इसलिय वह परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं। श्री नवाब ने हाल ही में राम मंदिर निमार्ण के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो कहां होगा। मंदिर निमार्ण तो होना ही चाहिये।’करीब 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन व्यतीत कर रहे श्री नवाब को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।
आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ पहुंचे हुए हैं। बीजेपी प्रेजिडेंट अमित शाह ने लखनऊ आते ही सपा को बड़ा झटका दिया है। यह शाह का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इस घटनाक्रम को कुछ मंत्रियो को एमएलसी बनाने का रास्ता माना जा रहा है। रिक्त सीट पर बीजेपी नेता उपचुनाव लड़ सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दो डिप्टी सीएम दिनेश चंद्र शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य, मोहसिन रजा और स्वतंत्र देव सिंह अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। इसलिए इन्हें मंत्रिमंडल का सदस्य बने रहने के लिए किसी सदन का सदस्य होना जरूरी है।
MLC के इस्तीफे पर बोले अखिलेश-
सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने एमएलसी के पार्टी छोड़ने पर मीडिया से कहा कि एमएलसी और एमएलए को लालच देकर बीजेपी तोड़ रही है। बीजेपी जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बिहार में इन लोगो ने राजनीतिक भ्रष्टाचार किया और अब गुजरात में कांग्रेस को तोड़ने में लगे हैं।
अखिलेश ने कहा कि एमएलसी तोड़ना राजनीतिक भ्रष्टाचार है। बुक्काल नवाब अगर क़ैद नही हुए होंगे तब मैं उनसे पूछूँगा की क्या कारण है। अगर मायावती चुनाव लड़ती हैं तो मैं केवल इतना कहूँगा की समाजवादियो के सबसे अच्छे सम्बंध है। परिस्थिति के अनुसार राजनीति में किसकी कब मदद करनी पड़े , उसके लिए तैयार रहना चाहिए।